चिड़िया के घोसले के बारे में भाई-बहन के बीच संवाद लेखन - बहन: (खिड़की से बाहर देखते हुए) भाई, देखो! वहाँ एक चिड़िया ने अपना घोसला बनाया है! भाई: (खिड़
चिड़िया के घोसले के बारे में भाई-बहन के बीच संवाद लेखन
बहन: (खिड़की से बाहर देखते हुए) भाई, देखो! वहाँ एक चिड़िया ने अपना घोसला बनाया है!
भाई: (खिड़की के पास आकर) वाह! सच में? कितना सुंदर घोसला है!
बहन: हाँ, और देखो, उसमें दो चिड़िया के बच्चे भी हैं!
भाई: (उत्सुकता से) कितने प्यारे हैं! चलो, उन्हें करीब से देखते हैं।
बहन: (डरते हुए) नहीं, भाई। हमें उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए।
भाई: हाँ, तुम सही कह रही हो। हम दूर से ही देखेंगे।
बहन: (चिड़िया के बच्चों को देखते हुए) भाई, वो कितने छोटे और नाजुक हैं!
भाई: हाँ, और उनकी माँ कितनी प्यार से उनका ख्याल रख रही है!
बहन: (सोच में पड़कर) भाई, हमें भी अपनी माँ का ख्याल रखना चाहिए।
भाई: हाँ, बिल्कुल। वो हमसे बहुत प्यार करती हैं।
बहन: (माँ के पास दौड़ते हुए) माँ! माँ!
माँ: (बच्चों को देखकर मुस्कुराते हुए) हाँ, बेटा, क्या हुआ?
बहन: (माँ को गले लगाते हुए) माँ, हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं!
माँ: (बच्चों को प्यार से चूमते हुए) मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, बच्चों!
चिड़िया के घोसले के बारे में भाई-बहन के बीच बातचीत लिखिए
भाई: (बगीचे में टहलते हुए) बहन, देखो! इस पेड़ पर एक चिड़िया ने अपना घोसला बना लिया है!
बहन: सचमुच! क्या कमाल का घोंसला बनाया है इस चिड़िया ने!
भाई: हाँ! कितनी बारीकी से उसने टहनियों और सूखे पत्तों को बुना है। ये तो मानना पड़ेगा, प्रकृति की इंजीनियरिंग कमाल की है!
बहन: (कुछ सोचकर) ये तो सच है, पर ये चिड़ियाँ ऐसी चीजें कहाँ से लाती होंगी?
भाई: (बहन को समझाते हुए) ये चिड़ियाँ पेड़ों से पत्तियां, सूखी घास और टहनियाँ इकट्ठी करती हैं। इन सब चीजों को वो अपनी चोंच और पैरों की मदद से बुनकर इतना मजबूत घोंसला बना लेती हैं।
बहन: (कुतूहल से) मुझे तो ये भी समझ नहीं आता कि इतना सारा सामान इकट्ठा करने और इतना ऊँचा घोंसला बनाने में इन्हें कितना समय लगता होगा?
भाई: (थोड़ा सोचकर) अच्छा सवाल है। दरअसल, ये चिड़ियाँ घोंसला बनाने का हुनर पीढ़ी दर पीढ़ी सीखती हैं। कुछ हफ्तों में ही ये घोंसला तैयार कर लेती हैं।
बहन: (आश्चर्य से) इतनी जल्दी! ये तो वाकई कमाल है।
भाई: हाँ, और हवा और बारिश भी इसे नुकसान नहीं पहुँचा पाती।।
बहन: (चिड़िया को घोंसले के पास मंडराते हुए देखकर) लगता है वो अपने बच्चों के लिए खाना ले आई है।
भाई: (मुस्कुराते हुए) बिल्कुल। चिड़ियाँ अपने बच्चों की देखभाल बहुत प्यार से करती हैं। उन्हें दाना लाकर खिलाती हैं और खतरे से बचाती हैं।
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