प्रस्तावना : राष्ट्र भाषा का शाब्दिक अर्थ है भाषा अर्थात वह भाषा, जिसे राष्ट्र की अधिकाँश जनता समझ सके। इस परिभाषा के अनुसार हमारे देश की राष्ट्र भाषा हिंदी है। भारत में अनेक रज्य हैं । उन राज्यों की अपनी अलग-अलग भाषाएं हैं । इस प्रकार भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है लेकिन उसकी अपनी एक राष्ट्रभाषा है इसे लगभग भारत के सभी लोग समझ सकते है। इसी कारण हिंदी को राष्ट्र भाषा का गौरव प्राप्त है।संविधानिक रूप से भी हिंदी को राष्ट्रभाषा को दर्जा प्रदान किया गया है।
राष्ट्र भाषा के गुण : किसी देश की राष्ट्र भाषा में निम्न गुण होने चाहिए तभी वह राष्ट्र भाषा कहलाने लायक होगी।
१ सरलता : राष्ट्र भाषा को सरल होना चाहिए जिससे इसे आसानी से सीखा सके। हिंदी में यह गुण पर्याप्त मात्रा में है।
२ विशाल साहित्य : हिंदी का साहित्य अत्यंत है। उसमें महाकाव्य जैसे रामायण, महाभारत अनेक ग्रन्थ पुराण कवितायें, कहानियां हैं तथा आज भी में शिक्षा राजनीति साहित्य आदि क्षेत्रों में रचनाएं की जा रही हैं।
३ अधिकाँश जनता की मातृभाषा होना : हिंदी 30 करोड़ से अधिक लोगों की मातृभाषा है। लगभग 50 करोड़ से अधिक व्यक्ति हिंदी को समझ सकते हैं।
राष्ट्रभाषा से लाभ :हिंदी के राष्ट्रभाषा हो जाने से हमें अनेक लाभ है। राष्ट्रभाषा साधारण से साधारण व्यक्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है। अगर सभी को हिंदी आती होगी तो विचारों के आदान प्रदान में भी आसानी होगी , जिससे देश में एकता स्थापित होगी। राष्ट्र भाषा का प्रचार हो जाने से शासन कार्यों में भी आसानी होगी। (हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध यहाँ पढ़ें।)
उपसंहार : हिंदी में वह सभी गुण विद्यमान है जो एक राष्ट्र भाषा में होने चाहिए। अतः हमारी सरकार का भी यह परम कर्तव्य है की वह हिंदी का और प्रचार प्रसार करे जिससे हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई जा सके।
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Good
ReplyDeleteYes
Deleteराइट
DeleteTT copy of the call for remote
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ReplyDeletenot useful for 8th
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