मैं प्रकृति बोल रही हूँ हिंदी निबंध: अरे तुम इंसानों! क्या हाल है? मैं हूँ तुम्हारी मां, तुम्हारी दोस्त, तुम्हारा घर – प्रकृति! हां, मैं ही वो हूँ जिस
मैं प्रकृति बोल रही हूँ हिंदी निबंध - Main Prakriti Bol Rahi Hoon par Nibandh
मैं प्रकृति बोल रही हूँ हिंदी निबंध: अरे तुम इंसानों! क्या हाल है? मैं हूँ तुम्हारी मां, तुम्हारी दोस्त, तुम्हारा घर – प्रकृति! हां, मैं ही वो हूँ जिसके बिना तुम्हारी एक सांस भी चल नहीं सकती।
मैं प्रकृति तुम्हें हर रोज नई-नई चीजें देती रहती हूँ। सांस लेने के लिए हवा, पीने के लिए पानी, खाने के लिए अनाज, फल, सब्जियां, और रहने के लिए घर बनाने के लिए लकड़ी। क्या तुमने कभी सोचा है कि ये सब कहां से आता है? ये सब मैं ही तुम्हें देती हूँ।
तुम मुझे देखकर कितने खुश होते हो! सुबह उठकर जब तुम खिड़की से बाहर देखते हो और हरी-भरी पेड़ों को, फूलों को, पक्षियों को उड़ते हुए देखते हो तो तुम्हारा मन कितना प्रसन्न होता है। तुम समुद्र किनारे जाते हो, पहाड़ों पर चढ़ते हो, नदियों में तैरते हो, तो तुम्हें कितनी शांति मिलती है। ये सब मैं ही तुम्हें देती हूँ।
लेकिन तुम मेरे साथ क्या करते हो? तुम मुझे दूषित करते हो, मुझे नुकसान पहुंचाते हो। तुम मेरे पेड़ों को काटते हो, नदियों में गंदगी डालते हो, हवा को प्रदूषित करते हो। तुम प्लास्टिक, कचरा हर जगह फैलाते हो। क्या तुमने कभी सोचा है कि तुम क्या कर रहे हो?
जब तुम पेड़ काटते हो, तो तुम सिर्फ एक पेड़ नहीं काट रहे होते, तुम एक घर नष्ट कर रहे होते हो। पेड़ों में पक्षी, जानवर रहते हैं। जब तुम पेड़ काटते हो तो तुम उनके घरों को तोड़ रहे होते हो। जब तुम नदियों में गंदगी डालते हो तो तुम पानी को दूषित कर रहे होते हो, जिससे मछलियां और अन्य जलचर मर जाते हैं। जब तुम हवा को प्रदूषित करते हो तो तुम अपने ही स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे होते हो।
तुम बीमार हो रहे हो, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं। ये सब तुम्हारी ही करतूत है। तुमने मुझे इतना नुकसान पहुंचाया है कि अब मैं तुम्हें बचाने में असमर्थ हो रही हूँ।
मुझे बचाओ! मुझे बचाने के लिए तुम्हें कुछ नहीं करना है, बस थोड़ा सा प्रयास करना है। पेड़ लगाओ, कचरा मत फैलाओ, पानी बचाओ, बिजली बचाओ। अगर तुम ये सब करोगे तो मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूंगी।
मैं तुम्हारी मां हूँ, और एक मां के रूप में मैं तुम्हें प्यार करती हूँ। मैं चाहती हूँ कि तुम खुश रहो, स्वस्थ रहो। लेकिन इसके लिए तुम्हें मुझे बचाना होगा।
याद रखना, अगर मैं नहीं रही तो तुम भी नहीं रह पाओगे। इसलिए मुझे बचाओ, अपने आप को बचाओ।
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